305 Part
112 times read
0 Liked
राजलक्ष्मी ने कहा, “बात तो ठीक है। जो जायदाद नीलाम पर चढ़कर नीलाम हो चुकी, उसे फेर देने के लिए छोटी बहू कह कैसे सकती थी?” कुशारी-गृहिणी ने कहा, “बताओ तो ...